Pronunciation and Orthography (उच्चारण और वर्तनी)


'अनुस्वार', 'अनुनासिक' संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शुद्ध
चांदनी चाँदनी
गांधी गाँधी
हंसी हँसी
दांत दाँत
कहां कहाँ
अँगुली अंगुली
सांप साँप
बांसुरी बाँसुरी
महंगी महँगी
बांस बाँस
अंगना अँगना
कंगना कँगना
उंचा ऊँचा
जाऊंगा जाऊँगा
दुंगा दूँगा
छटांक छटाँक, छटाक
पांचवा पाँचवाँ
शिघ्र शीघ्र
गुंगा गूँगा
पहुंचा पहुँचा
गांधीजी गाँधीजी
सूंड सूँड
बांसुरी बाँसुरी
महंगा महँगा
मुंह मुँह
उंगली ऊँगली
जहां जहाँ
डांट डाँट
कांच काँच

वर्ण-सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शुद्ध
अनाधिकार अनधिकार
अनुशरण अनुसरण
अभ्यस्थ अभ्यस्त
अस्थान स्थान
अनुकुल अनुकूल
अनिष्ठ अनिष्ट
अध्यन अध्ययन
अद्वितिय अद्वितीय
अहिल्या अहल्या
अगामी आगामी
अन्तर्ध्यान अन्तर्धान
अमावश्या अमावास्या
आधीन अधीन
अकांछा आकांक्षा
आर्द आर्द्र
इकठ्ठा इकट्ठा
उपरोक्त उपर्युक्त
उज्वल उज्ज्वल
उपलक्ष उपलक्ष्य
उन्मीलीत उन्मीलित
कलस कलश
कालीदास कालिदास
कैलाश कैलास
कंकन कंकण

प्रत्यय-सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शुद्ध
अनुसंगिक आनुषंगिक
अध्यात्मक आध्यात्मिक
एकत्रित एकत्र
गोपित गुप्त
चातुर्यता चातुर्य
त्रिवार्षिक त्रैवार्षिक
देहिक दैहिक
दाइत्व दायित्व
धैर्यता धैर्य
अभ्यन्तरिक आभ्यन्तरिक
असहनीय असह्य
इतिहासिक ऐतिहासिक
उत्तरदाई उत्तरदायी
ऐक्यता ऐक्य
गुणि गुणी
चारुताई चारुता
तत्व तत्त्व
तत्कालिक तात्कालिक
दारिद्रता दरिद्रता
द्विवार्षिक द्वैवार्षिक
नैपुण्यता निपुणता
प्राप्ती प्राप्ति
पूज्यास्पद पूजास्पद
पुष्टी पुष्टि

लिंग प्रत्यय-सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शुद्ध
अनाथिनी अनाथा
गायकी गायिका
दिगम्बरी दिगम्बरा
पिशाचिनी पिशाची
भुजंगिनी भुजंगी
सुलोचनी सुलोचना
गोपिनी गोपी
नारि नारी
श्रीमान् रानी श्रीमती रानी

सन्धि-सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शुद्ध
अधगति अधोगति
अत्योक्ति अत्युक्ति
अत्याधिक अत्यधिक
अद्यपि अद्यापि
अनाधिकारी अनधिकारी
अध्यन अध्ययन
आर्शिवाद आशीर्वाद
इतिपूर्व इतःपूर्व
जगरनाथ जगत्राथ
तरुछाया तरुच्छाया
दुरावस्था दुरवस्था
नभमंडल नभोमंडल
निरवान निर्वाण
निसाद निषाद
निर्पेक्ष निरपेक्ष
पयोपान पयःपान
पुरष्कार पुरस्कार

समास-सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शुद्ध
अहोरात्रि अहोरात्र
आत्मापुरुष आत्मपुरुष
अष्टवक्र अष्टावक्र
एकतारा इकतारा
एकलौता इकलौता
दुरात्मागण दुरात्मगण
निर्दोषी निर्दोष
निर्दयी निर्दय
पिताभक्ति पितृभक्ति
भ्रातागण भ्रातृगण
महात्मागण महात्मगण
राजापथ राजपथ
वक्तागण वक्तृगण
शशीभूषण शशिभूषण
सतोगुण सत्त्वगुण

हलन्त-सम्बन्धी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शुद्ध
भाग्यमान भाग्यवान्
विद्वान विद्वान्
धनमान धनवान्
बुद्धिवान बुद्धिमान्
भगमान भगवान्
सतचित सच्चित्
साक्षात साक्षात्
श्रीमान श्रीमान्
विधिवत विधिवत्
बुद्धिवान बुद्धिमान्

शिरोरेखा संबंधी अशुद्धियाँ- शिरोरेखा लगाने में जल्दीबाजी करने पर अर्थ का अनर्थ हो सकता है; किन्तु बड़े-बड़े साहित्यकार जान-बूझकर रोचकता लाने के लिए ऐसा करते देखे गए हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें और भावार्थ का पता करें :

अशुद्ध शुद्ध
वहाँ भी जीवन था। वहाँ भी जीव न था।
मनन करना अच्छी बात है। मन न करना अच्छी बात है।
सूर और तुलसी एककालीन थे। सूर और तुलसी एक कालीन थे।
यह गागर खाली है। यह गागर खा ली है।
उस गदहे पर लादो। उस गदहे पर ला दो।
सावन के बादलो! झूम-झूमकर बरसो। सावन के बाद लो झूम-झूमकर बरसो।